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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यूपी में भी सेशन कोर्ट से मिलेगी अग्रिम जमानत

अग्रिम जमानत विधयेक को राष्ट्रपति की मंजूरी देने के बाद अब यूपी में भी सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल सकेगी । यह व्यवस्था केवल गैर जमानतीयअपराध के मुक़दमे लागू होगी ।मंगलवार को प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में अग्रिम जमानत संबंधित धारा-438 को फिर से लागू करने के विधेयक का राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है।

इस व्यवस्था को वर्ष 1976 में आपातकाल के दौरान खत्म कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में भी इस व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग हो रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिश के आधार पर दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक-2018 विधानमंडल में पारित कराकर राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा गया था, जिसे राष्ट्रपति ने एक जून, 2019 को अनुमति प्रदान कर दी। संशोधन अधिनियम छह जून, 2019 से लागू हो गया है।दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-438  में अग्रिम जमानत की व्यवस्था का प्रावधान है।

अग्रिम जमानत की व्यवस्था एससीएसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर अपराध के मामलों में लागू नहीं होगी। आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों को आफिशियल एक्ट, नारकोटिक्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट व मौत की सजा से जुड़े मुकदमों में अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी।

विधेयक के तहत अग्रिम जमानत के लिए जो भी आवेदन आएंगे उनका 30 दिन के अंदर निस्तारण करना होगा। कोर्ट को अंतिम सुनवाई से सात दिन पहले नोटिस भेजना भी अनिवार्य होगा। अग्रिम जमानत से जुड़े मामलों में कोर्ट अभियोग की प्रकृति, गंभीरता, आवेदक के इतिहास, उसकी न्याय से भागने की प्रवृत्ति आदि पर विचार करके फैसला दिया जाएगा।

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