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हॉन्गकॉन्ग के लगभग 5 लाख निवासियों ने किया चीनी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट

हाल ही में चीन की टेरिटरी हांगकांग के निवासियों ने चीनी सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रोटेस्ट किया। इसका कारण चीनी सरकार द्वारा Extradition Law में संशोधन किया जाना है। इस बिल के मुताबिक अब हॉन्गकॉन्ग पर अगर किसी पर क्रिमिनल चार्जेज लगते हैं तो उसे हॉन्गकॉन्ग की जेल के अलावा मेनलैंड चाइना की जेल में भी भेजा जा सकता है।

हांगकांग चाइना की सेमी ऑटोनॉमस टेरिटरी है। हांगकांग का झंडा, पासपोर्ट एवं अन्य पहचान पत्र चीन के नागरिकों से अलग हैं और यहां चीनी सरकार का सीधा हस्तक्षेप भी नहीं है।

चीन में भारत की तरह लोकतंत्र नहीं है इसी कारण चीनी सरकार की आलोचना करना किसी भी नागरिक के लिये भारी पड़ सकता है। लेकिन हॉन्गकॉन्ग में कोई भी पत्रकार या नागरिक खुले तौर पर सरकार के नियमों एवं कामों की आलोचना कर सकता है क्योंकि यहां पर चीनी सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं है।

इस बिल को लाने के बाद हॉन्गकॉन्ग की जनता को डर है कि चीनी सरकार उनपर गलत इल्जाम लगाकर कार्यवाही कर सकती है और आवाज़ उठाने वाले को सीधा मेनलैंड चाइना की जेलों में शिफ्ट करके यातनाएं भी दी जा सकती हैं। इसी के विरोध में वहां जबरदस्त प्रोटेस्ट हुआ लेकिन किसी भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनलों में इसे इतना कवर नहीं किया गया।

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