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भारत ने निकाल लिया चीन की “वन रोड वन बेल्ट” योजना का तोड़

पिछले हफ्ते बांग्लदेश की राजधानी ढाका में बीबीआईएन यानी बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल कनेक्टिविटी को लेकर गंभीरता से चर्चा की गई थी।अब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा से इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। बीते साल 2015 में इसमें शामिल सभी देशों ने भूटान की थिपूं में बीबीआईएन मोटर वाहन समझौता पर हस्ताक्षर किए थे।

बीबीआईएन समझौते के तहत इसमें शामिल सभी देशों में यात्री वाहन, व्यक्तिगत और माल ढुलाई वाहनों की आवाजाही के लिए एक-दूसरे के राजमार्गों का इस्तेमाल कर सकते है।

भारत ने इस योजना का प्रस्ताव चीन की वन बेल्ट वन रोड के जवाब में रखा गया था और भारत ही इस योजना का संस्थापक सदस्य भी है।बीबीआईएन योजना के लिए एशियाई विकास बैंक इस प्रोजक्ट को वित्तीय सहायता दे रहा है।अ्गर भारत की य​ह योजना सफलता पूर्वक शुरू हो जायेगी तो इस योजना में शामिल देशों में सड़क मार्ग से यात्रा करना सुगम और सरल हो जाएगा और दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में शांति बहाली की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकेगा।

बीबीआईएन योजना को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस योजना की शुरुआत अगले साल 2020 से हो जाएगी। बांग्लादेश के उन्नयन शमनय संगठन के चेयरमैन अतिउर रहमान बताया है कि, बांग्लादेश शुरू से ही खुले क्षेत्रवाद के पक्ष में रहा है और इस योजना में शामिल देशों की सरकारों के बीच वर्तमान में राजनीतिक समीकरण बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अनुकूल बना हुआ है।

अगर भारत की यह योजना में शुरू होती है तो,चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड परियोजना को धक्का जरूर लग सकता है।क्योंकि चीन अब बड़े जोर से विस्तारवादी पहल को बढ़ावा दे रहा है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल अक्टूबर के मध्य में नेपाल का दौरा करने के लिए जाने वाले है।