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क्या आप अपने देश के ध्वज या झंडा गीत को जानते हैं ?

“विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा” नामक उक्त सुविख्यात झण्डा गीत को 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में स्वीकार किया गया था। इस गीत की रचना करने वाले श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ कानपुर में नरवल के रहने वाले थे।जब यह गीत महात्मा गांधी के पास गया, तो उन्होंने गीत को छोटा करने की सलाह दी।

आखिर में, 1938 में कांग्रेस के अधिवेशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने इसे देश के “झण्डा गीत” की स्वीकृति दे दी। यह ऐतिहासिक अधिवेशन हरिपुरा में हुआ था। नेताजी ने झण्डारोहण किया और वहाँ मौजूद करीब पाँच हजार लोगों ने श्यामलाल गुप्त पार्षद द्वारा रचे झण्डा गीत को एक सुर में गाया।

मूल रूप में लिखा गया झण्डा गीत इस प्रकार है:-

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति सरसाने वाला
प्रेम-सुधा बरसाने वाला
वीरों को हरसाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 1।
लाल रंग बजरंगबली का
हरा अहल इस्लाम अली का
श्वेत सभी धर्मों का टीका
एक हुआ रंग न्यारा-न्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 2।
है चरखे का चित्र सँवारा
मानो चक्र सुदर्शन प्यारा
हरे रंग का संकट सारा
है यह सच्चा भाव हमारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 3।
स्वतन्त्रता के भीषण रण में
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में
काँपे शत्रु देखकर मन में
मिट जाये भय संकट सारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 4।
इस झण्डे के नीचे निर्भय
लें स्वराज्य हम अविचल निश्चय
बोलो भारत माता की जय
स्वतन्त्रता हो ध्येय हमारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 5।
आओ प्यारे वीरो आओ
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 6।
शान न इसकी जाने पाये
चाहें जान भले ही जाये
विश्व विजय कर के दिखलायें
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 7