fbpx

1 जनवरी 2020 से बदल जाएगा सोना खरीदने से जुड़ा ये नियम, जानना जरूरी

अगर आप सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए खास है, क्योंकि सोने की खरीदारी से जुड़े बड़े नियम में बदलाव होने जा रहा है। 1 जनवरी 2020 से सोने की खरीदारी से जुड़े एक बड़े नियम में बदलाव होने जा रहा है। लंबे वक्त के बाद सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। 1 जनवरी से सोने की ज्वैलरी के लिए हॉल मार्किंग बेहद जरूरी है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने 1 जनवरी से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है।

माना जा रहा है कि इसी हफ्ते नोटिफिकेशन जारी कर दिया जा सकता हैइस नियम का फायदा जहां ग्राहकों को ल होगा तो वहीं ज्वलर्स पर बड़ा असर पड़ने वाला है। आपको बता दें कि फिलहाल सिर्फ 40 प्रतिशत आभूषणों की हॉलमार्किग की जाती है। हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण है। सरकार 14 कैरट, 16 कैरट, 18 कैरट, 20 कैरट और 22 कैरेट की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य करेगी, जिसके लिए देशभर में कई हॉलमार्किंग सेंटर खोले जाएंगा।

माना जा रहा है कि इसे शहरों में 1 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने के लिए इसे 1 साल का वक्त लग जाएगा। इस हॉलमार्किंग से पता चलता है कि ज्वैलरी में कितना सोना इस्तेमाल किया गया है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इसी हफ्ते अधिसूचना भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि सोने में 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरेट की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगीष ये हॉलमार्क सोने की शुद्धता को सुनिश्चित करेगा। वहीं दूरदराज के ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग के लिए रजिस्ट्रशन कराने के लिए एक साल का समय दिया जायेगा।

सोने की हॉलमार्किंग का मतलब है उसकी शुद्धता का प्रमाण है। अगर आप सोना खरीद रहे हैं और उसपर BIS हॉलमार्क है तो मतलब आपका सोना खरा सोना है। आप बिना टेंशन के उस सोने को खरीद सकते हैं। फिलहाल ज्वेलर्स के लिए यह नियम स्वैच्छिक है। इस नियम के तहत ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) की तरफ से गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्क का निशान दिया जाता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि सोने की शुद्धता की जांच लाइसेंसधारक लैब में की गई है।

हॉलमार्किंग होने से सोने की शुद्धता की गारंटी मिल जाएगी। आपको बता दें कि देश के ज्यादातर हिस्सों में ग्राहकों को 22 कैरेट के बजाय 21 कैरेट का सोना बेचा जाता है और उनसे 22 या 24 कैरेट गोल्ड का रेट वसूला जाता है। नए नियम लागू होने के बाद ज्वैलर्स ऐसा नहीं कर सकेंगे। सही हॉलमार्क नहीं होने पर ज्वैलर्स को नोटिस भेजा जाएगा। मौजूदा समय में देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं। नए नियम के लागू होने के बाद आपको आसानी से पता चल जाएगा कि गहने में कितना सोना लगा है और कितना मेटल।