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भारत ने पूरी दुनिया को दिया ऐसे नायाब तोहफ़े जिसका ऋणी है पूरा वैश्विक समाज

प्राचीनकाल से ही भारत ने ज्ञान को अधिक महत्व दिया हैं। भारत की विविध शैली, भाषा, पोशाक, खेल आदि इसे महान राष्ट्र बनाते हैं। आधुनिक युग के ऐसे कई आविष्कार है जो भारतीय शोधों की देन है। भारत ने पूरे विश्व को ऐसे नायाब तोहफ़े दिए जिसका ऋणी पूरा वैश्विक समाज आज भी है | आइये आज आपको बताते है की वो नायाब चीजें जो भारत ने दुनिया को दी है :

  1. अंको के मामले में विश्व भारत का ऋणी हैं। भारत ने कई अंको के अलावा शून्य की खोज की। भारतीयों ने इसका सबसे पहला इस्तेमाल गणित में किया था।
  2. शतरंज की उत्पति: प्राचीनकाल से ही भारत में शतरंज खेला जाता रहा हैं। ‘अमरकोश’ के अनुसार, इसका प्राचीन नाम “चतुरंगिनी” था। जिसका अर्थ है चार अंगों वाली सेना था।
  3. सांप सीढ़ी के खेल को ‘मोक्ष पट’ भी कहा जाता हैं। इस खेल का स्वरुप 13वीं शताब्दी में कवि संत ज्ञानदेव के जरिए किया गया था। अजंता की गुफाओं में आज भी इस खेल के चित्र मौजूद हैं।
  4. बटन का सबसे पहले उपयोग मोहनजोदड़ो में किया गया था.माना जाता है कि बटन बनाने का विचार इसी सभ्यता से जुड़ा हुआ था।
  5. सिन्धु घाटी की सभ्यता के लोग हाईड्रलिक इन्जीनियरिंग में माहिर थे। उन्होनें फ्लश टॉयलेट की तरह ही शौचालयों की व्यवस्था की जो सीवेट सिस्टम से जुड़ी हुई थी।
  6. लगभग 5 हजार साल पहले भारतीय हीरे का प्रयोग करते थे। भारत ही एकमात्र ऐसा देश था जहां लोगों को हीरे के बारे मे जानकारी थी। ब्राजील में पहली बार हीरे के बारे में 18वीं शताब्दी में पता चला था।
  7. रुलर स्केल का आविष्कार सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान हुआ था। हाथी दाँत से बने रुलर की खोज खुदाई के दौरान हुई थी।
  8. ताश के खेल को ‘कीड़ी पत्रम’ के नाम से जाना जाता था। इस पॉपुलर कार्ड गेम का जन्म भारत में ही हुआ था।
  9. फिबोनैकी नंबर्स की खोज पिंगला के लिखने से पहले ही हो गई थी। इन नंबर्स का पहली बार वर्णन प्राचीन भारतीय गणितज्ञ विरहांडक ने किया था।