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अब भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकेगा चीन, सीमा पर हो चुका है इतना जबरदस्त काम

चीन अब भारत ओर डोकलाम की तरफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं करेगा, क्यों सीमा की तस्वीर बदल दी गई है। गौरतलब है कि 2017 में करीब 73 दिन तक भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच डोकलाम में तनातनी हुई थी। उस समय भारतीय सेना ने इस इलाके से चीनी सेना को अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। लेकिन इसके साथ ही भारत ने इस इलाके में जबरदस्त विकास कर लिया है।

आपको बता दें कि सीमा सड़क संगठन यानी BRO ने 2019 में चीन सीमा से सटे इलाकों में लगभग 60 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण और विकास किया है। इनमें डोकलाम के पास 19.72 किलोमीटर लंबी एक महत्वपूर्ण सड़क भी शामिल है। यह सड़क भारतीय सेना को रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण डोकला बेस तक पहुंचने में मदद करेगी।

यह सड़क सिक्किम में डोकलाम पठार के किनारे पर है, जहां पहुंचने में अब महज 40 मिनट लगेंगे, जबकि पहले 7 घंटे लगते थे।

यह सभी मौसम में चलनी वाली एक ऑल वेदर ब्लैक टैर्ड सड़क होगी है जिसकी भार वहन क्षमता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस लिहाज से इस सड़क की अहमियत काफी बढ़ जाती है। यह वो इलाका है जहां चीन और भारत के उत्तर-पूर्व में मौजूद सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं।

भारत की सीमाओं पर सड़क नेटवर्क के रखरखाव और इसके विकास के लिए काम करने वाले बीआरओ ने कुछ अनुकूल पड़ोसी देशों में भी सड़क बुनियादी ढांचे का विकास किया है। बीआरओ ने 2019 में सड़कों के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों के पास कठिन और दूरदराज इलाकों में प्रमुख पुल, 19 एयरफील्ड और दो सुरंगों भी बनाए हैं।

बीआरओ अखनूर-पुंछ सड़क के साथ ही बलिपाड़ा, चारुदर और तवांग की ओर जाने वाली सड़क पर सी ला सुरंग भी विकसित कर रहा है। बीआरओ को 61 भारत-चीन सीमा सड़कों का काम सौंपा गया था, जिनकी लंबाई 3,346 किमी है।