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वैज्ञानिकों ने किया अनूठा अविष्कार, बना डाला दो बार पलक झपकाने पर ज़ूम होने वाला कॉन्टैक्ट लेंस

आज के विज्ञान के युग में दैनिक जीवन को सुगम बनाने के लिए वैज्ञानिक दिन प्रतिदिन नए नए अविष्कार कर रहे हैं .आज कल उम्र की साथ आँखों पर चश्मा लगना आम  बात हो गयी है और जो लोग चश्मा नहीं लगाना चाहते हैं वो उसकी जगह कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं इस बार वैज्ञानिकों ने आंखों की गतिविधियों  से नियंत्रित होने वाले कॉन्टैक्ट लेंस का प्रोटोटाइप बनाया है जो दो बार पलक झपकाने पर ज़ूम इन या ज़ूम आउट हो जाएगा.

ये लेंस आंखों की गतिविधियों से उत्पन्न विद्युत संकेतों की प्रतिक्रिया देने में सक्षम स्ट्रेचेबल पॉलीमर फिल्म से बना है. यह संकेतों के आधार पर अपना फोकल लेंथ बदलने में भी सक्षम है. दरअसल कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के वैज्ञानिकों ने एक प्रोटोटाइप संपर्क लेंस बनाया है जो आंख की चाल से नियंत्रित होता है. पहनने वाले लेंस को दो बार झपकाने से अंदर या बाहर ज़ूम कर सकते हैं. टीम के निष्कर्षों का विवरण देने वाला एक पेपर इसी महीने एडवांस्ड फंक्शनल मैटेरियल में प्रकाशित हुआ था.

बायोमिमेटिक लेंस स्ट्रेमी पॉलीमर फिल्मों से बने होते हैं, जो पलक झपकते ही आपकी आंखों द्वारा उत्पन्न विद्युत संकेतों का जवाब देती हैं, जैसे कि एक मूवमेंट. इलेक्ट्रोकोलोग्राफिक संकेतों के रूप में जाना जाता है, जब वे सो रहे होते हैं तो मनुष्य इलेक्ट्रिक आवेगों का उत्सर्जन करने में सक्षम होते हैं.

एक वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि यहां तक कि अगर आपकी आंख कुछ भी नहीं देख सकती है, तो कई लोग अभी भी अपनी नेत्रगोलक को स्थानांतरित कर सकते हैं और इस इलेक्ट्रो-ऑकुलोग्राफिक सिग्नल को उत्पन्न कर सकते हैं. बता दें कि यह प्रोटोटाइप केवल एक विशेष रिग में कार्य करता है, और परीक्षण विषयों में उनकी आंखों के चारों ओर इलेक्ट्रोड की एक श्रृंखला थी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनके आविष्कार का उपयोग भविष्य में कृत्रिम अंग, समायोज्य चश्मा और दूर से संचालित रोबोटिक्स में किया जा सकता है.