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देश में दौड़ी शोक की लहर, परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी का हुआ निधन

परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद का नाम हर भारतवासी जानता है उनके परिवार से एक दुःख भरी खबर आयी है ।  सन् 1965 के युद्ध  में भारत-पाकिस्तान युद्ध का पासा पलटने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का शुक्रवार को निधन हो गया। रसूलन बीबी काफी समय से बीमार चल रही थीं। भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के नायक, परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी बीमारी के दौरान शुक्रवार की दोपहर अंतिम सांसें लीं। 93 बसंत देख चुकी रसूलन बीबी के निधन की खबर मिलते ही पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ गई।

शहीद अब्दुल हमीद जी का धामूपुर गांव उस समय चर्चा में आया जब 10 सितंबर 1965 को पाकिस्तान सेना अमृतसर को घेरकर उसको अपने नियंत्रण में लेने को तैयार थी, अब्दुल हमीद ने पाक सेना को अपने अभेद्य पैटर्न टैंकों के साथ आगे बढ़ते देखा। प्राणों की चिंता किए बिना अब्दुल हमीद ने अपनी तोपयुक्त जीप को टीले के समीप खड़ा किया और गोले बरसाते हुए शत्रु के कई टैंकों को ध्वस्त कर दिया।

इसके बाद पाकिस्तानी सेना के पैर जंग के मैदान से उखड़ गए और वह पीछे लौटने को मजबूर हो गए। वीर अब्दुल हमीद ने अपने साहस और पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे। इस लड़ाई में माटी के लाल ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी। वीर अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

उनकी प्रेरणास्रोत रही पत्नी रसूलन बीबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश में सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच अपनी विशेष पहचान रखती थी। जनपद में भी अब्दुल हमीद की स्मृतियों को सहेजने में उनके प्रयासों की लोग सराहना करते नहीं थकते हैं।

निधन पर पूरा इलाका ही नहीं जनपद और पूर्वांचल में शोक की लहर दौड़ गई है। यहां आज भी सुबह-शाम फौज की तैयारी करने वालों की भीड़ देखने को मिलती है।